नयनों में बादल छाऐ नयनों में बादल छाऐ
मैं तो चाहूँ नए अरमानों को पर मेरी संवेदना रहे, हर वक़्त तुमसे ही उलझ। मैं तो चाहूँ नए अरमानों को पर मेरी संवेदना रहे, हर वक़्त तुमसे ही उलझ।
नयनों से नयन मिलें प्रणय निवेदन बन छाये तुम मुस्कानों से सूरत नहीं सीरत में गुलाब बन नयनों से नयन मिलें प्रणय निवेदन बन छाये तुम मुस्कानों से सूरत नहीं सीरत में ...
अपने वश में नहीं देख ही नहीं पाता नयनों से अपने वश में नहीं देख ही नहीं पाता नयनों से
सुबह की अलकों में उलझा उलझा सा. सुबह की अलकों में उलझा उलझा सा.
घर में घर में